Frequently Asked Questions (FAQ) (Hindi)
बवासीर(पाइल्स) कैसे होता है ?
वर्तमान समय में खान-पान और जीवन शैली की अनियमित्ता के चलते पाइल्स (बवासीर) की बीमारी का होना एक आम बात हो चुकी है, वैसे तो इस बीमारी के होने के पीछे कई कारण हो सकते है जैसे रोगी की दिनचर्या, उसका आहार-विहार यहाँ तक की कई बार यह अनुवांशिक कारणों से भी हो सकता है लेकिन इन सभी कारणों के अलावा इस बीमारी के होने का एक और मुख्य कारण रोगी को लगातार कब्ज का होना है जिसकी वजह से रोगी को हार्ड स्टूल पास होते है और गुदाद्वार की रक्तवाहनिया फूल कर बहार आ जाती है और बवासीर (पाइल्स) का रूप ले लेती है.
किस आयु-अवस्था के लोगो में पाया जाता है?
यह किसी भी आयु व अवस्था के लोगो को यानि की स्त्री, पुरुष यहाँ तक की बच्चो को भी हो सकता है, गूगल एनालिटिक्स से प्राप्त आकड़ो के आधार पर सिर्फ हमारे भारत देश में प्रति वर्ष १० मिलियन (१- करोड़) से ज्यादा नए केस(मामले) सामने आते है साथ ही आकड़ो की बात करे तो कुल आबादी का लगभग १० से १५ % जनसमूह इससे प्रभावित है अमूमन अगर हम ये कहे की हर दूसरे घर में औसतन हमें एक पाइल्स सस्पेक्ट पेशेंट (बवासीर का संदिग्ध रोगी) मिल ही जायेगा; तो इसमें कोई अतिसंयोक्ति नहीं होंगी.
बवासीर के साधारण लक्षण क्या होते है ?
पाईल्स एक बेहद पीड़ादायक रोग होता है जो रोगी की नींद-चैन और खाना-पीना ही नहीं बल्कि उसका उठना-बैठना तक दुश्वार कर देता है; मुख्यतः बवासीर के मसे दो प्रकार के होते हैI पहले आंतरिक मसे (इंटरनल हेमोर्रोइड्स) और दूसरे बाहरी मसे(एक्सटर्नल हेमोर्रोइड्स); इनमे भी खुनी और बादी दो तरह की विविधता पाई जाती है यानि एक वो जिनमे रक्तस्राव होता है और दूसरे वो जिनमे रक्तश्राव नहीं होता लेकिन दर्द, सूजन और खुजलाहट जैसे लक्षण देखने को मिलते है
बवासीर का सम्पूर्ण उपचार कैसे किया जाये ?
देखा जाये तो आमतौर पर मार्केट में बवासीर के उपचार के लिए कई नामी गिरामी दवाइयों की भरमार है जिनमे से कुछ एक के उपयोग से रोगीयो को बवासीर की पीड़ा से कुछ समय के लिए आराम भी मिल जाता है लेकिन ये आराम अस्थाई होता है जैसे ही रोगी किसी भी विषम परिस्थिति (जैसे उसका खान पैन , दैनिक कार्य प्रणाली, वातावरणीय प्रभाव या उसकी शारीरिक प्रवर्ति)जो उसके दैनिक जीवन का हिस्सा भी हो सकती है से गुजरता है यह परेशानी पुनः और अधिक व्यापक रूप में रोगी के सामने खड़ी हो जाती है.
इसमें विपरीत अगर हम बात करे बवासीर के ऑपरेशन की तो इसके लिए मुख्यतः तीन तरह की उपचार पद्धतिया उपलबध है
(A) सिजेरियन ऑपरेशन
(B) लेज़र ऑपरेशन
(C) क्षार-सूत्र
जिनके माध्यम से सामान्यतः बहरी सतह पर नजर आने वाले एक्सटर्नल हेमोर्रोइड्स (बवासीर के बाह्य मसो) को इन तकनीकों की मदद से काट कर अलग कर दिया जाता है मगर इनकी रूट्स और आंतरिक मसे दोनों ही अंदर ही रहते है जो पुनः अनुकूल परिस्थियाँ मिलने पर बाहर आ जाते है साथ ही ऑपरेशन के माध्यम से काटे गए मसो की रूट्स अक्सर फिस्टुला को जन्म दे देती है अतः किसी भी ऑपरेशनल प्रोसेस को बवासीर के उपचार के लिए उचित नहीं माना जा सकता है, क्योकि उपरोक्त किसी भी उपचार के माध्यम से बवासीर को जड़ से ख़त्म करने के कोई भी पुख्ता प्रमाण वर्तमान तक मौजूद नहीं है;
अतः इस बीमारी के सम्पूर्ण निराकरण के लिए सिर्फ "एंटी -पाइल्स कम्पलीट रेसोलुशन" को ही एक मात्र सही व उत्तम उपचार कहने में कोई अतिसंयोक्ति नहीं होंगी.
पाइल्स(बवासीर) में ऑपरेशन सही या गलत ?
बवासीर के ऑपरेशन के प्रकार
१. सर्जिकल ऑपरेशन
२. लेज़र ऑपरेशन
३. क्षारसूत्र पद्धति द्वारा ऑपरेशन
चिकित्सा जगत में मौजूद पाइल्स के ऑपरेशन की उपरोक्त तीनो पद्धतियों द्वारा ऑपरेशन के उपरांत भी रोगीयों में पाइल्स(बवासीर) की recurrence (पुनरावृत्ति) का होना बेहद सामान्य माना जाता है, साथ ही कई बार ऑपरेशन के बाद इसके भयानक परिणाम फिस्टुला/भकन्दर (गुदाद्वार पर एक छिद्र का बन जाना जिससे रक्त, मवाद व मल का स्राव भी होता है) के रूप में उभर कर सामने आते है और लेसर प्रक्रिया से हुये ऑपरेशन में "रेक्टल प्रेसर कण्ट्रोल सिस्टम" का ख़राब हो जाना जैसी घटनाये भी देखि गई हैी
अतः इस समस्त बातो को ध्यान में रखते हुए बवासीर में ऑपरेशन को सही कहना ही गलत होंगा.
"एंटी-पाइल्स कम्पलीट रेसोलुशन" ट्रीटमेंट क्या है ?
"एंटी-पाइल्स कम्पलीट रेसोलुशन" ट्रीटमेंट अपने नाम के अनुकूल एक ऐसा ट्रीटमेंट है जो समूचे विश्व में सिर्फ "फार्मा साइंस द इंडियन आयुर्वेदा" के एंटी-पाइल्स सेंटर्स द्वारा ही किया जाता है इस खास तरह के ट्रीटमेंट को दो चरणों में बाटा गया है प्रथम चरण का उपचार सात दिनों का होता है जिसमे बवासीर के बाह्य व आंतरिक दोनों ही तरह के मसे फूल कर बाहर आ जाते है इसके बाद उपचार के दूसरे चरण का उपचार भी लगभग सात दिनों का ही होता है जिसके अंत में बवासीर के सभी मसे सुख कर जड़ से गिर जाते है और रोगी पाइल्स की बीमारी से पूर्णतः मुक्त हो जाता है; साथ ही यह ट्रीटमेंट १००% मनी बैक गौरंटी के साथ रोगी को दिया जाता है.